नीट के बाद अब नेट का होगा रीएग्जाम, एसटीएफ की जांच में सामने आया सच

यूपी में एक के बाद एक हो रही परीक्षा लीक के मामले में राज्य सरकार सख्त होती नजर आ रही है. हाल ही में केंद्र में नीट की परीक्षा के पेपर लीक हो गए थे. इसके बाद पूरे देश में हंगामा मच गया. जांच के लिए अलग-अलग कमेटी बिठाई गई इतना ही नहीं यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. इसके बाद फिर से यूपी में यूजीसी नेट परीक्षा लीक मामले को लेकर यूपी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. दरअसल यूजीसी नेट परीक्षा लीक मामले में यूपी सरकार ने यूपीएसटीएफ को जांच सौंपी थी. जिसमें उसने परीक्षा रद्द करके उसे दोबारा कराने की मांग की है.

यूपीएसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है जिसमें धांधली नजर आई है. इसके बाद सिपाही भर्ती परीक्षा करने वाली कंपनी एजुटेस्ट को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है. इतना ही नहीं नेट की परीक्षा को रद्द करके उसे दोबारा कराने के लिए भी कहा गया है. दरअसल यूपीएसटीएफ इन्वेस्टिगेशन के लिए एजुटेस्ट कंपनी की मेरठ यूनिट के मालिक विनीत आर्य को चार बार नोटिस भेजा गया लेकिन वह एक बार भी एसटीएफ की इन्वेस्टिगेशन में शामिल नहीं हुए. एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट में सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए भी एजुटेस्ट को जिम्मेदार माना है.

आपको बता दें की एजुटेस्ट कंपनी ने ही सिपाही भर्ती परीक्षा के पेपर को एग्जाम सेंटर्स तक पहुंचाने के लिए नोएडा की एक कंपनी लॉजिस्टिक्स को ठेका दिया था. बताया जा रहा है कि एजुटेस्ट कंपनी ने लॉजिस्टिक कंपनी के वेयरहाउस का इंस्पेक्शन किया था जहां पर उन्हें कुछ भी गलत नजर नहीं आया वहां पर उन्हें सारे बॉक्स सील्ड मिले. बाद में जांच में पता चला कि वहीं पर शुभम मंडल को बुलाया गया और राजीव नयन मिश्रा के कहने पर पेपर लीक कराया गया.

यूपीएसटीएफ की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि एजुटेस्ट कंपनी के मालिक को चार बार जांच में सहयोग करने के लिए नोटिस भेजा गया लेकिन वह एक बार भी इन्वेस्टिगेशन का हिस्सा नहीं बने. बल्कि वह इन्वेस्टिगेशन को छोड़कर अमेरिका चले गए और अब तक अमेरिका से वापस नहीं आए हैं.