Uttar Pradesh FDI | उत्तर प्रदेश ने एफडीआई में एक शानदार प्रगति दर्ज की है। एक बात तो तय है कि यहां की आर्थिक रफ्तार में गजब का उछाल हो रहा है, लेकिन इसके साथ ही विदेशी निवेश की रफ्तार भी तेजी से बढ़ रही है। साल 2001 से 2017 के बीच, 17 साल के अंदर जितना विदेशी निवेश यूपी में आया, वो करीब चार गुना हो चुका है साल 2019 से 2023 के पांच वर्षों में गजब का उछाल दिखाई दे रहा है।
Uttar Pradesh FDI | इस दौरान, यूपी ने पंजाब, आंध्र प्रदेश, केरल, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश सहित 22 राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है। रिजर्व बैंक आफ इंडिया के मुताबिक, साल 2000 से 2017 के बीच यूपी में केवल 3000 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश हुआ था। इसके बावजूद, 2019 से 2023 के बीच करीब 11 हजार करोड़ रुपये का निवेश हो गया है।
Uttar Pradesh FDI | 22 राज्यों को भी छोड़ा पीछे
Uttar Pradesh FDI | इस उछाल के बीच, यूपी ने देश के 22 राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है, जिसमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल भी शामिल हैं। इस विकास में, उत्तर प्रदेश की नीतियों और बेहतर कानून व्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान है। विदेशी निवेश की रफ्तार के बढ़ते चेहरे के पीछे यह भी वजह है कि यूपी में अब व्यवसायिक गतिविधियों के लिए आदर्श और सुगम माहौल उपलब्ध हैं।
Uttar Pradesh FDI | यहां की छवि में अपराध दर कम होने, स्थानीय राजनीतिक स्थिरता के बढ़ने, और उद्योगों को बढ़ावा देने वाली नीतियों का महत्वपूर्ण योगदान है। विदेशी कंपनियों के निवेशक भी इस मामले में बड़े संवेदनशील होते हैं और उत्तर प्रदेश की प्रगति में योगदान कर रहे हैं। इस तरीके से, यूपी ने अपने निवेश के क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ाने में सफलता प्राप्त की है, और यह रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी के साथ एक नई आशा का संकेत भी है।
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Uttar Pradesh FDI | इन सब का बहुत बड़ा फायदा युवाओं को मिल रहा है जिनके लिए नौकरी और व्यापार के नए मौके खुल रहे हैं और वह अपना भविष्य बेहतर बना सके UP उनको छोड़कर ना जाना पड़े और अपने परिवार के लिए एक फाइनेंशियल सिक्योरिटी दे सके यह सारे मौके एफडीआई से यूपी के युवाओं को मिल रहे हैं
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