Vat Savitri Vrat 2023: वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. मान्यता है कि इस व्रत विधिवत करने से पति की उम्र लंबी होती है, साथ ही वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है. हिंदू पंचांगों के मुताबिक वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को रखा जाता है. इस दिन महिलाएं अपने पति के दीर्घायु होने की कामना करती है. दृक पंचांग के अनुसार, वट सावित्री व्रत आज यानी 19 मई को रखा जा रहा है. आइए जानते हैं वट सावित्री व्रत के लिए शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और व्रत नियम के बारे में.
वट सावित्री 2023 शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि शुरू – 18 मई 2023, रात 09:42
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि समाप्त – 19 मई 2023, रात 09:22
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वट सावित्री 2023 पूजा विधि
वट वृक्ष के मूल में जल अर्पित कर वृक्ष की परिक्रमा करते हुए इसके मुख्य तने में कच्चा सूत लपेट कर आरती करें। दीया जलाएं। फल, फूल, मिष्ठान व घर से बने पकवान चढ़ाएं। भगवान विष्णु का ध्यान करेें। व्रती महिलाएं वट के नीचे बैठकर समूह में सावित्री व सत्यवान की कथा का श्रवण करें।
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वट सावित्री व्रत नियम
यदि कोई सुहागिन महिला पहली बार वट सावित्री व्रत रखने जा रही हैं, तो सबसे पहले स्नान के बाद लाल रंग के वस्त्र पहने. इसके साथ ही सोलह श्रृंगार करें. इसके साथ ही वट वृक्ष के नीचे साफ-सफाई कर व्रत का संकल्प लें. फिर वहां गंगाजल का छिड़काव करके पवित्र करें. अब धूप अगरबत्ती जलाएं और वट वृक्ष को दिखाएं. वट वृक्ष के चारों तरफ सात बार कच्चा धागा लपेटें और उसकी परिक्रमा करें. वट सावित्री व्रत की कथा सुने और अंत में अपनी सास के चरण स्पर्श पर आशीर्वाद लें. पूजन समाप्ति के बाद फल, फूल, अनाज और कपड़ा है उसको एक टोकरी में रख कर किसी ब्राह्मण को दान कर दें. धार्मिक मान्यता है कि वट सावित्री व्रत के नियम का पालन करने से वैवाहिक जीवन खुशहाल बना रहता है.