एक ऐसा दिन जब फफक फफक कर रोते हुए जनता की सेवा कर रहे थे योगी आदित्यनाथ, पिता की मृत्यु के इस सच को जान कर आप भी रह जाएंगे हैरान
पिता के अंतिम दर्शन के लिए बिलखती रही आंखें और उधर गला फाड़ कर रोती रही मां, आज भी योगी के कानों में गूंजती है मां की वो आवाज
प्रदेश की सुरक्षा को रखा सर्वोपरि, योगी होने के नाते निभाया योगी धर्म को, देश की जनता ने माना सीएम योगी आदित्यनाथ को बड़ा महंत
योगी आदित्यनाथ को कौन नहीं जानता जिन्होंने देश की जनता के लिए आत्म समर्पण कर दिया वैसे तो वो बहुत सख्त हैं पर उनके भी जिंदगी में कई ऐसे मोड आये जहाँ उन्होंने सख्ती तो दिखाई पर टूटे टूटे से दिखे और आज हम उन्हीं दुःख भरे दिनों की बात करने जा रहे हैं जब सीएम रो पड़े। दरसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का जब निधन हुआ। तो योगी उस समय एक मीटिंग में थे और कोविड-19 को लेकर चर्चा में लगे हुए थे। वहीं कुछ समय पहले से उनके 89 साल के पिता आनंद सिंह बिष्ट का दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा था और उनकी हालत गंभीर थी। वो पिछले कई दिनों से वेंटिलेटर पर थे और एक दिन अचानक सुबह 10:40 पर उन्होंने अपनीअंतिम सांस ली। जिंस वक्त सीएम योगी के पिता का निधन हुआ। उस वक्त सीएम योगी आदित्यनाथ लखनऊ में कोरोना रोकथाम के लिए बनी टीम की बैठक कर रहे थे। बड़ी बात यह है कि पिता के निधन का समाचार मिलने के बावजूद सीएम ने बैठक को जारी रखा और अधिकारियों से प्रदेश में कोरोना के नियंत्रण को लेकर किए जा रहे इंतजामों की जानकारी लेते रहे। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद सीएम की आंखें कुछ देर के लिए नम हो गईं। मुख्यमंत्री अमूमन मीटिंग के दौरान चेहरे पर लगे मास्क को पीछे रखते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। इससे चेहरे का भाव भले ही कुछ हद तक छिप रहा था पर आँखों की उदासी और नमी बता रही थी की कुछ भी ठीक नहीं था। कुछ वक्त बाद सीएम ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के साथ मीटिंग का अंत किया। और इसके बाद पिता के निधन को लेकर परिवार के सदस्यों से बात भी की। यूपी के सीएम और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट की हालत गंभीर थी। वो दिल्ली के एम्स में भर्ती थे। इस दौरान उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें 13 मार्च को यहाँ भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि सीएम योगी के पिता को लिवर और किडनी की परेशानी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह उत्तराखंड के यमकेश्वर के पंचूर गांव में रहते थे। वो उत्तराखंड में फॉरेस्ट रेंजर के पद से 1991 में रिटायर हो गए थे। उसके बाद से ही वो अपने गांव में रह रहे थे। योगी आदित्यनाथ बचपन में ही अपना परिवार छोड़कर गोरखपुर महंत अवैद्यनाथ के पास चले आए थे। बाद में योगी आदित्यनाथ ने महंत के रूप में जगह ली। उत्तराखंड में चुनाव के समय योगी कई बार वह चुनाव प्रचार के सिलसिले में जाते रहे हैं तथा इस दौरान वो अपने परिवार से मिलते रहते थे। लेकिन एक योगी होने के कारण उन्होंने अपना घर एक बार त्याग दिया तो फिर दोबारा पीछे नहीं देखा लेकिन देश प्रेम और धर्म प्रेम आज भी योगी आदित्यनाथ के लिए सर्वोपरि है।