किम-पुतिन की मुलाकात से तीसरा विश्व युद्ध हो गया पक्का?

World War 3 | उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन रूस में हैं. रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध (russia ukraine war) के बीच किम और पुतिन की मुलाकात को यूक्रेन समर्थक देश बेचैनी से देख रहे हैं. दरअस रूस, उत्तर कोरिया से हथियार खरीदना चाहता है जिनका इस्तेमाल वो सीधे यूक्रेन के खिलाफ करेगा. हालांकि अमेरिका पहले ही उसे चेतावनी दे चुका है कि उत्तर कोरिया ने अगर रूस को हथियार बेचे तो अंजाम बुरा होगा. ऐसे में युद्ध के दौरान किम जोंग का पुतिन से मिलना अमेरिका ही नहीं पश्चिमी देशों के लिए भी खतरे की घंटी है. दरअसल रूस प्रतिबंधों के बावजूद यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई जारी रखे हुए है. लेकिन अब स्थिति बदल रही है.

World War 3 | परमाणु युद्ध का खतरा

World War 3 | जिस देश के नाम से अमेरिका परेशान हो जाता है. जिसका नाम सुनकर दुनिया को परमाणु युद्ध खतरा महसूस होने लगता है. वो अब पुतिन का मददगार बन रहा है. रूस के पास गोला बारूद कम हो रहा है. उसके पास हथियारों की कमी है. ऐसे में उनकी मदद के लिए सामने आया है, दुनिया का नंबर 1 दुश्मन माने जाने वाला उत्तर कोरिया, जिसने रूस को सामरिक मदद का भरोसा दिया है, शायद इसी वजह से किम जोंग उन, रूस पहुंचे हैं.

World War 3 | तीसरे विश्व युद्ध की आहट?

World War 3 | रूस और उत्तर कोरिया दोनों पर ही दूसरे देशों के लिए परेशानी की वजह बनने का आरोप लगता रहा है. दोनों पर सख्त अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लागू हैं. दोनों देशों की सरकारें अमेरिका की मुखर आलोचक और धुर विरोधी रही हैं. अक्सर ये देखा गया है कि किसी साझे दुश्मन की वजह से दो नेता एक दूसरे के करीब आ जाते हैं. दोनों नेताओं की नजदीकी में भले ही कोई सकारात्मक वजह न हो लेकिन 2023 में दुनिया में जो आज के हालात हैं, उससे दोनों करीब आए हैं. यही वजह है कि पुतिन और किम के इस ‘भाईचारे’ पर कई सवाल उठ रहे हैं.

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World War 3 | रूस को हथियार देगा तानाशाह

World War 3 | किम जोंग उन के रूस जाने के क्या मायने हैं? दोनों देशों के बीच दोस्ती कितनी गहरी है? ऐसे सवालों का जवाब देने से पहले आपको बताते चलें कि साल 2019 के बाद ये दूसरी बार है जब किम जोंग, पुतिन से मुलाकात कर रहे हैं. रूस पर लगे प्रतिबंधों की वजह से रूस और पश्चिमी देशों के बीच व्यापारिक संबंध लगभग खत्म हो गए हैं. भारत, UAE, सऊदी अरब और चीन जैसे देश, रूस से कच्चा तेल खरीदकर, व्यापारिक मदद तो कर रहे हैं, लेकिन ये देश रूस को सामरिक मदद नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में माना ये जा रहा है कि उत्तर कोरिया, रूस को हथियारों की सप्लाई देकर, उसे सैन्य मदद देगा.

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