सीएम योगी की लाइफ की अनसुनी कहानी

Yogi Adityanath Story: योगी आदित्यनाथ जबसे लगातार दूसरी बार सूबे के मुखिया बने हैं हर किसी की जुबां पर उनका नाम रहता है. कहीं बुलडोजर बाबा की धमक सुनाई देती है तो कहीं उनके ताबड़तोड़ फैसलों के चर्चे होते हैं। ऐसे में हर कोई उनकी निजी जिंदगी के बारे में जानना चाहता है। ये तो आपको पता ही होगा कि योगी आदित्यनाथ संत हैं और एक योगी की तरह रहते हैं। धन, ऐश्वर्य और ठाट-बाट से उन्हें कोई लेना देना नहीं है। ऐसे में हर किसी के दिमाग में एक बात आती है कि वे मुख्यमंत्री के रूप में पाने वाले वेतन का क्या करते हैं ? इतने रुपयों की एक योगी के जीवन में भला क्या जरूरत हो सकती है ? उनके बैंक खाते में भी लाखों रुपये की रकम जमा हैं। इन पैसों का वे क्या करते हैं मतलब कहां खर्च करते हैं? एक इंटरव्यू में योगी ने खुद इन सब बातों का जवाब दिया था।

Yogi Adityanath Story

योगी आदित्यनाथ ने एक इंटरव्यू में कहा था, कि मैं वेतन के रूप में जो पैसा अर्जित करता हूं उसका अधिकतम उपयोग जरूरतमंद लोगों की मदद और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में करता हूं। जब योगी जनता दर्शन कार्यक्रम आयोजित करते हैं तो वहां पर कई लोग परेशा मिलने आते हैं। कई लोगों की तकलीफ ऐसी होती है कि मैं उन्हें सरकारी स्तर पर मदद उपल्ब्ध नहीं कराई जा सकती। क्योंकि इस प्रकार की मदद में कानूनी प्रक्रिया अडंगा बन जाती है। जब योगी आदित्यनाथ देखते हैं कि कई लोगों को तत्काल मदद की जरूरत होती है। किसी को इलाज के लिए, किसी को पढ़ने की फीस के लिए पैसा चाहिए होता है। तब वह ऐसे लोगों की मदद अपने वेतन के पैसों से करते हैं। लोगों की जरूरत और अपनी क्षमता के अनुरूप में सैलरी अकांउट से खर्च करता हैं। लेकिन कभी इन बातों का जिक्र नहीं करते।

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अधिकारियों को भी हिदायत रहती है कि वे मेरे निजी प्रयास के बारे में किसी न बताएं। योगी कहते हैं कि मेरा मानना है कि अगर आप किसी की व्यक्तिगत मदद करते हैं तो उसका ढिंढोरा नहीं पीटना चाहिए। जैसा मेरा जीवन सादा है, वैसा ही मेरा भोजन भी सादा है। खाने को लेकर कोई विशेष आग्रह नहीं है। खाने में पसंद-नापसंद जैसी कोई चीज नहीं है। जो मिल गया वही खा लेता हूं। योगी आदित्यनाथ के नजदीकी लोगों का कहना है वे सुबह में दलिया और पपीता खाते हैं। रात में रोटी, दाल और हरी सब्जी खाते हैं। गर्मी में मट्ठा पीते हैं। सोने से पहले दूध पीते हैं। इसलिए उनके खान-पान पर कोई विशेष खर्च नहीं है।

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योगी आदित्यनाथ की आमदनी की बात करें तो 2019 में योगी आदित्यनाथ ने अपने सैलरी अकाउंट से एक महीने का वेतन 2 लाख 51 हजार रुपये पार्टी को दान किए थे। चुनाव आयोग को दिये हलफनामे के मुताबिक योगी आदित्यनाथ की सालाना कमाई 2016 से 2021 के बीच 8 लाख से लेकर 18 लाख के बीच रही है। सबसे अधिक 2018-19 में उन्हें 18 लाख 27 हजार 639 रुपये की आमदनी हुई थी। उनकी सबसे कम सालाना आमदनी 2016 में थी। 2016-17 में उनकी आय 8 लाख 40 हजार 998 रुपये थी। योगी आदित्यनाथ जनप्रतिनिधि हैं। सांसद विधायक के रूप में जो वेतन और भत्ते मिलते हैं वही उनकी आमदनी का जरिया है। 2021 में उनका कुल वेतन और भत्ता 3 लाख 65 हजार रुपये महीना था। अब मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें मिलनी वाली सुविधाओं और भत्तों में इजाफा हुआ है। योगी आदित्यनाथ के इस निजी जीवन के बारे में जानकर आप क्या सोचते हैं एक बार हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

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