डिजिटल सिग्नेचर को लेकर टीचर्स ने लगातार अपना प्रोटेस्ट जारी रखा जिसके चलते प्रशासन को टीचर्स के सामने घुटने टेकने पड़े और अपने डिसिशन में बदलाव करना पड़ा. दरअसल 11 जुलाई से प्रशासन ने टीचर्स के लिए डिजिटल सिग्नेचर को जरूरी कर दिया था. जिसका बड़ी संख्या में टीचर ने विरोध दर्ज किया. टीचर्स के लगातार विरोध को देखते हुए यूपी सरकार ने टीचर्स को किसी भी वक्त डिजिटल हाजिरी लगाने की अनुमति दे दी है. हालांकि सरकार द्वारा टीचर्स को यह छूट लिमिटेड टाइम के लिए दी गई है जिसके साथ ही ग्रेस पीरियड टाइम को भी जोड़ दिया गया है.
टीचर्स को सुबह 7:30 बजे तक स्कूल पहुंचने के बाद 8 बजे तक अटेंडेंस लगानी होती थी वहीं छुट्टी होने के बाद दोपहर 2:00 बजे तक अटेंडेंस लगाना पड़ता था. लेकिन इस सरकारी आदेश के विरोध में यूपी के 6 लाख 35 हजार टीचर्स एकजुट हो गए वह सरकार के इस आदेश को मानने को तैयार नहीं हुए. सभी सरकारी स्कूलों में अटेंडेंस लगाने के लिए दो टैबलेट दिए गए थे लेकिन किसी भी टीचर ने डिजिटल अटेंडेंस नहीं लगाई.
टीचर्स ने कहा कि 1 मिनट भी लेट हो जाने पर डिजिटल अटेंडेंस नहीं लगती थी और जी “प्रेरणा एप” के द्वारा हाजिरी लगाई जाती थी वह भी जल्दी नहीं खुलता. इस ऐप के जरिए टीचर्स को अपनी और स्टूडेंटस दोनों की अटेंडेंस लगानी होती थी. इन सभी में इंटरेस्टिंग बात यह थी कि स्टूडेंटस की तो डिजिटल अटेंडेंस लग जाती थी लेकिन टीचर्स की अटेंडेंस नहीं लग पाती थी. टीचर्स ने यह भी कहा कि कभी-कभी नेटवर्क काम नहीं करता था जिसके चलते भी उनके अटेंडेंस नहीं लग पाती थी. शिक्षा विभाग और टीचर्स में लगातार कंट्रोवर्शियल सिचुएशन बनी हुई है.
यूपी के गवर्नमेंट स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस में छूट देने को लेकर प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने अपनी सफ़ाई दी है. उन्होंने कहा कि ये छूट “प्रेरणा एप” तकनीकी खराबी सही होने तक ही दी गई है जब तक यह टेक्निकल प्रॉब्लम सही नहीं हो जाती तब तक टीचर्स किसी भी वक्त डिजिटल अटेंडेंस लगा सकते हैं. उन्होंने कहा कि जो टीचर्स डिजिटल अटेंडेंस लगाना नहीं सीख पाए हैं उन्हें इस चीज के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी.