योगी ने चलाया मौलानाओं पर चाबुक, हलाल प्रोडक्ट्स पर इसलिए लगाया प्रतिबंध!

Halal Products Ban: उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफाइड उत्पादों को लेकर योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बड़ा फैसला किया है। योगी सरकार ने ऐसे सभी उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा दी है। दरअसल, शैलेंद्र शर्मा के शिकायत पर हजरतगंज थाने में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट, दिल्ली, हलाला काउन्सिल ऑफ इंडिया मुंबई और जमियत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई पर इंडियन पीनल कोर्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कियागया।

Halal Products Ban | हलाल पर योगी एक्शन

जिसके बाद सीएम योगी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफाइड उत्पादों के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके बाद सोशल मीडिया पर हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। आइए समझते हैं कि क्या है ये हलाल सर्टिफिकेशन?

Halal Products Ban | हलाल क्या होता है?

आपने अक्सर हलाल शब्द का उपयोग मांस के लिए सुना होगा, लेकिन ये केवल मांस तक ही सीमित नहीं है। इस्लामिक काउन्सल के अनुसार हलाल शब्द अरबी शब्द है जिसका अर्थ है कि कानून सम्मत या जिसकी इजाजत शरीयत में दी गई हो। ये शब्द खाने पीने की वस्तुओं मीट प्रोडक्ट्स, कॉस्मेटिक्स, दवाइयां खाने में पड़ने वाली चीज़ हो सभी पर लागू होता है.

Halal Products Ban | हराम क्या होता है?

वहीं हराम शब्द ठीक उसका उल्टा होता है यानी जो चीज़ इस्लाम में वर्जित है। इसमें लिपस्टिक से लेकर दवाइयां तक हराम और हलाल श्रेणी में बांटे जा सकते हैं। जैसे कि कई बार देखा जाता है कि बहुत से दवाइयों और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स जिनमें सुअर के मांस और चर्बी का उपयोग हो, उन्हें हराम माना जाता है।

Halal Products Ban | हलाल का सर्टिफिकेट कैसे मिलता है?

इसी तरह हालाल सर्टिफिकेशन के भी कुछ मानक है। पहला है पोर्क कन्टेन्ट यानी जिसमें सुअर या सुअर के मांस से जुड़ी कोई भी चीज़ जिसका प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल तो नहीं हुआ, इसे मांस से लेकर चर्बी चमड़ी सब कुछ शामिल हैं। प्रोडक्ट्स ही नहीं बल्कि उनकी पैकिंग में भी इन सब चीजों का उपयोग नहीं किया गया, जो पोर्क से जुड़ा हो।

Halal Products Ban | हलाल को इतना भाव क्यों?

दूसरा है अल्कोहल कन्टेन्ट हलाल सर्टिफिकेशन में एक निश्चित मात्रा में अल्कोहल को मान्यता दी गई है, लेकिन इसमें किसी भी प्रकार के अल्कोहल का प्रयोग वर्जित है। हालांकि यदि लाइफ सेविंग दवाइयों में ऐसे प्रोडक्ट्स का उपयोग किया जाता हो तो वो हलाल की श्रेणी में आएगा। जिस प्रकार शाकाहारी लोग पैकेट में ग्रीन डॉट देख कर मानते है की खाना शाकाहारी हैं, उसी प्रकार इस्लाम मानने वाले लोग हलाल का निशान देखकर उसका उपयोग करते हैं।

Halal Products Ban | हलाल सर्टिफिकेशन की जरूरत क्या है?

इसके लिए हलाल लोगों का मतलब है कि ये प्रॉडक्ट बनाने में सारी गाइडलाइन का पालन किया गया है। दुनिया के कई इस्लामिक देशों में चीजें बेचने के लिए हल सर्टिफिकेशन जरूरी होता है।

Halal Products Ban | कौन देता है हलाल का सर्टिफिकेट?

भारत में ये हलाल सर्टिफिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई, जमियत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई हलाल काउन्सल ऑफ इंडिया, मुंबई जमीयत ए उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली द्वारा ये सर्टिफिकेशन दिए जाते हैं। आपको क्या लगता है योगी आदित्यनाथ का ये फैसला सही है या गलत, हलाल सर्टिफिकेशन पर आपकी क्या राय हैं? हमें कमेंट करके जरूर बताएं।